Tuesday 22 December 2020

जश्न 🌅

 आज क्यूं कर जश्न लगा

जीवन  एक और दिन खिला है


आते जाते कितने लोग यहां

अनेकों रंग और रूप लगाए


कुछ उलझे हिसाब लगाते

कुछ  वाद और विवाद बढ़ाते


कुछ मौज मस्ती मे हंसते

कुछ खो जाने का शोक मनाते 


बाजीगरी अजब  समुख हमारे

उसमें आज नया खेल संजोया


हुई सांझ अब खेल समेटे

रात्रि निद्रा मे  फिर स्वप्न  देखे


क्यूं कर आज यह जश्न लगा है,🌷




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