Wednesday 17 March 2021

काम🌅

 


हम प्रायः  बातें करते

यह करेंगे व बनायेंगे

इतनी सामग्री लगेगी

वह श्रम समय लगेगा


बिन किसी सामग्री के

वह  अद्भुत कारीगर

बिन कुछ सामग्री के

प्रचंड ब्रह्मांड रचाया


अकेला बिन नक्शे

भिन्न-भिन्न प्रकार 

रुप रंग और आकार

रचनाकार हैं अकेला


फूंक प्राण जीव रचाए

फल फूल बहते झरने 

विशाल  समुद्र पहाड़

सूर्य किरण से प्रकाश


फिर भी मनुष्य  मन

कहे यह वह   किया 

उन्माद की सीमा पर

कहता खुदा कहां है 🌷

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