Wednesday, 20 July 2011

कठपुतली का खेल

कठपुतली का खेल, गाँव नगर, राजदरबार या धर्मस्थलो में आमिर गरीब, शिक्षित अक्षित जनता में सामान रूप से प्रदर्शित होते चले आ रहे है. कथापुँतली प्रदर्शन से जहा जनता का मनोरंजन होता है  वही इसके कथानक में धार्मिक आडम्बर दहेज़ प्रथा , बेमेल विवाह , अशिक्षा और कुपोषण जैसी सामाजिक समस्यावो का समावेश कर इनका समाधान करने की प्रेरणा भी प्राप्त होती है. कठपुतली प्रदर्शक अपने मनोभाव को इनके अभिनय के द्वारा व्यक कर आत्म प्रदर्शन करते है...

पारंपरिक लोक माध्यम

पारंपरिक लोक माध्यम का जन्म आदि काल से ही हुआ है .जब मनुष्य संचार का मतलब नहीं जनता था तभी से ये माध्यम अस्तित्व में है सभ्यता के विकाश से ले कर मुद्रण यन्त्र के अविष्कार तक यही माध्यम सन्देश प्रशारण का कार्य करते थे . संचार का यह सर्वाधिक प्रभावी माध्यम है इन माध्यमो के द्वारा पढ़े लेखे तथा अनपढ़ दोनों ही समूहों में सार्थक एवं प्रभावी ढंग से सन्देश पराश्रित किये जा सकते है. इन माध्यमो के अंतर्गत धार्मिक प्रवचन कथा ,वार्ता , संगीत , लोक संगीत ,पर्यटन , यात्रा वृतांत ,नाटक आदि आते है .]
                                         इन लोक माध्यमो की सबसे बड़ी विशेषता है की मनुष्यों द्वारा उस समूह की संस्कृति, भाषा,परिवेश अवं रूचि के अनुरूप संदेशो का सम्प्रेषण किया जाता है जिस समूह में संदेस पराश्रित करना होता है .जनसंचार के पारंपरिक लोक माध्यम आदि कल से ही अस्तित्व में है .

Saturday, 16 July 2011

दयामृत्यु

७ मार्च २०११ को इक्षा मृत्यु या युथेजेनिया पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया नर्स अरुणा रामचंद्र शानबाग के मामले पर कोर्ट ने दया मृत्यु देने वाली याचिका ख़ारिज कर दी और कहा की चेतन दयामृत्यु गैर कानूनी है लेकिन अति विशेष परिश्थितियों में अचेतन दया मृत्यु को अनुमति दी जासकती है .
           इस फैसले के बाद भारत दुनिया के उन चुने हुए देसों में शामिल हो गया है जहा किसी न किसी रूप में दया मृत्यु को कानूनी मान्यता मिली हुई है ,अब तक यह कानूनी रूप से पूरी तरह प्रतिबंधित था. चेतन दया मृत्यु केवल ऐसे मरीजो के लिए होगी जिसका ब्रेन पूरी तरह मृत हो गया हो या स्थायी रूप से निष्क्रिय अवस्था में आ गया हो और कुछ भी करने में अक्षम हो
           दया मृत्यु को सामान्य तौर पर युथेजेनिया के रूप में जाना जाता है जिसमे असहनीय दर्द एवं पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए लोग अपनी इक्षा से मृत्यु का वरण करते है...